Monday, July 26, 2021

वह मेज, वह कुर्सी, वह घड़ी

वह मेज

वह कुर्सी 

वह घड़ी 

सब निकाल दिए हैं तुमने 

अपने घर से 


वो झुमके 

वो कंगन 

वो हार 

उतार दिए हैं तुमने 

अपने तन से 


मेरी हँसी 

मेरा नाम 

मेरी कविताओं की पंक्तियाँ 

क्या निकाल सकोगी 

अपने मन से


राहुल उपाध्याय । 26 जुलाई 2021 । सिएटल

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