जब से भर गए सादगी से हम
तब से जी रहे शांति से हम
क्या भला हुआ, क्या बुरा हुआ
कुछ पता नहीं क्या सिला मिला
छोड़-छाड़ के जोड़-भाग को
बस आज में जी रहे हैं हम
आप हैं यहाँ। हम भी हैं यहाँ
एक राह पे हम हैं दो जवाँ
कब कहाँ मिले, कब जुदा हुए
जान के भी क्या कर लेंगे हम
राहुल उपाध्याय । 4 जुलाई 2021 । सिएटल
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