Sunday, July 4, 2021

प्रेम

प्रेम वही होता है

जो बर्तन की खटपट से

भाँप लेता है

कि रात की दो बज गई है

और अब तक खाना नहीं खाया है


प्रेम वही होता है

जो आवाज़ की रफ़्तार से

मन के भाव समझ लेता है 


प्रेम वही होता है

जो गौण से गौण मौन के भी

अल्फ़ाज़ पकड़ लेता है 


प्रेम में

फ़ोन का कनेक्शन लाख ख़राब हो

दिल का तार जुड़ा रहता है


राहुल उपाध्याय । 4 जुलाई 2021 । सिएटल 


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13 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत खूब

अनीता सैनी said...

सच कहा आपने...।
बहुत ही सुंदर सृजन।
सादर

Sweta sinha said...

समझ सको तो हर छोटी अनकही बात में प्रेम है।
अति सूक्ष्म भाव विश्लेषण।
सुंदर रचना।
सादर।

yashoda Agrawal said...

प्रेम में..
दिल का तार जुड़ा रहता है..
सादर..

शुभा said...

वाह!खूबसूरत सृजन ।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

अनुभव जनित सटीक विश्लेषण

PRAKRITI DARSHAN said...

बहुत खूब

Anuradha chauhan said...

बहुत सुंदर

Meena sharma said...

सुंदर अभिव्यक्ति

Sudha Devrani said...

प्रेम में
फ़ोन का कनेक्शन लाख ख़राब हो
दिल का तार जुड़ा रहता है
बहुत सुन्दर
वाह!!!

उषा किरण said...

प्रेम में
फ़ोन का कनेक्शन लाख ख़राब हो
दिल का तार जुड़ा रहता है
वाह👌

Anupama Tripathi said...

प्रेम में
फ़ोन का कनेक्शन लाख ख़राब हो
दिल का तार जुड़ा रहता है

सुंदर भाव |

रेणु said...

प्रेम में //फ़ोन का कनेक्शन लाख ख़राब हो//दिल का तार जुड़ा रहता है///
प्रेम एक सहज अनुभूति का नाम है , फोन के कनेक्सन से इसका कोई लेना देना नहीं \ सुंदर अभिव्यक्ति राहुल जी |