Tuesday, November 30, 2021

भारत पढ़ें और अमेरिका फलें

भारत पढ़े और अमेरिका फले

ऐसे ही तो विश्व आगे बढ़ेगा


राजनीति और धर्म 

और धर्म की राजनीति 

इन सबसे दूर वह कर्म-प्रधान बनेगा


कभी पाकिस्तान से नफ़रत 

तो कभी चीन से नफ़रत 

इन सबसे दूर वह कौशल पर निगाह रखेगा


कौन गाय खाता है 

कौन गाय पालता है

इन सबसे दूर वह सबका कल्याण करेगा 


न पुलिस का डर

न सरकार का डर

इन सबसे दूर खुली हवा में वो साँस लेगा


राहुल उपाध्याय । 30 नवम्बर 2021 । 2021







इश्क़ दर्द भी और त्याग भी

इश्क़ दर्द भी और त्याग भी

इश्क़ बर्फ़ भी और आग भी


इश्क़ सर्फ़ भी और दाग भी

इश्क़ तम भी और चिराग़ भी


ख़तरों की औक़ात क्या

इश्क़ रोग भी, सुराग भी


इश्क़ का कोई हिसाब नहीं 

इश्क़ गुणा भी और भाग भी


इसमें तेरा-मेरा कुछ नहीं 

इश्क़ फूल भी, पराग भी


राहुल उपाध्याय । 30 नवम्बर 2021 । सिएटल 





Monday, November 29, 2021

कार तो कार घड़ी भी चार्ज होती है

कार तो कार, घड़ी भी चार्ज होती है 

नई पीढ़ी बात-बात पे आज रोती है 


नेटवर्क नहीं तो कुछ भी नहीं 

ज़िन्दगी ज़िन्दगी नहीं एक चुनौती है 


सुनने की बजाए, देखती है गाना

यूट्यूब पे नैनों की ज्योति खोती है 


एम-एन-सी का रोकड़ा है कुछ इतना प्यारा 

दिन तो दिन, रात में भी हल जोती है 


सत्यासी, अट्ठासी से नवासी ही नहीं 

अनभिज्ञ बेटा-बेटी पोता-पोती हैं


राहुल उपाध्याय । 29 नवम्बर 2021 । सिएटल 



Saturday, November 27, 2021

इतवारी पहेली: 2021/11/28


इतवारी पहेली:


दुनिया में जिसका ## ## #

वह माँ-बाप का ### # #


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 5 दिसम्बर को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 28 नवम्बर 2021 । सिएटल 
















Re: इतवारी पहेली: 2021/11/21



शनि, 20 नव॰ 2021 को अ 11:25 पर को Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> ने लिखा:

इतवारी पहेली:


न कोई ख़ुद गया न ## ##

ये माजरा क्या है बता ###  


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 28 नवम्बर को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 21 नवम्बर 2021 । सिएटल 
















Friday, November 26, 2021

उल्टा सीधा एक समान #12

उल्टा सीधा एक समान #12

—————————


मलयालम, नवीन, नवजीवन आदि ऐसे शब्द हैं जो उल्टा सीधा एक समान हैं। बाएँ से दाएँ भी वही हैं जो दाएँ से बाएँ हैं। 


यह तो हुए शब्द। ऐसे ही शब्दों के समूह, यानी जुमले भी हो सकते हैं। जैसे कि:


नाहक है कहना। 


दिया गया शब्द आगे-पीछे-बीच में कहीं भी आ सकता है। 


आज का शब्द है:


हीर


राहुल उपाध्याय । 26 नवम्बर 2021 । सिएटल 

https://mere--words.blogspot.com/2021/11/10.html?m=1











Re: उल्टा सीधा एक समान #11



शुक्र, 19 नव॰ 2021 को पू 12:03 पर को Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> ने लिखा:

उल्टा सीधा एक समान #11

—————————


मलयालम, नवीन, नवजीवन आदि ऐसे शब्द हैं जो उल्टा सीधा एक समान हैं। बाएँ से दाएँ भी वही हैं जो दाएँ से बाएँ हैं। 


यह तो हुए शब्द। ऐसे ही शब्दों के समूह, यानी जुमले भी हो सकते हैं। जैसे कि:


नाहक है कहना। 


दिया गया शब्द आगे-पीछे-बीच में कहीं भी आ सकता है। 


आज का शब्द है:


खड़ूस


राहुल उपाध्याय । 19 नवम्बर 2021 । सिएटल 









Thursday, November 25, 2021

मेरी आँखों में कोई भी बुरा नहीं

मेरी आँखों में कोई भी बुरा नहीं 

बुरा है कौन और क्या मुझे तो कुछ पता नहीं 


दिल दिया तोड़ किसी ने, तो किसी ने जान ही ले ली

जिसे समझा था मैं अपना उसी ने पहचान भी ले ली

इससे ज़्यादा तो मेरे साथ कुछ हुआ नहीं 


चल रहा हूँ कि चलना ही मेरी रग-रग समाया है 

लिख रहा हूँ कि लिखना ही मुझे हर हाल भाया है 

वरना मेरे दामन में कुछ और अब बचा नहीं 


हर तरफ़ है जहां भर की जवां दिल की सजी महफिल 

मैं ही हूँ ख़फ़ा सबसे, नहीं मेरी ये नहीं मंज़िल 

विनती है आपसे मेरी, करे मुझपे दया नहीं 


राहुल उपाध्याय । 25 नवम्बर 2021 । सिएटल 



Tuesday, November 23, 2021

हर ग़लती माँगती है

हर ग़लती माँगती है 

एक उत्तर हो बड़ा

हर ग़लती ढूँढती है

एक लम्हा जो न था


चाँद-सितारों का मेला हो

या कोई तन्हा अकेला हो

हर क़हर 

हर पहर

हर डगर 

हर कोई चाहता है 

एक साथी हो यहाँ 


आग बुझाने का सोचा है

हाथ हटाने का सोचा है 

हर समर

हर शीत 

हर रूत 

दिल बदले दास्ताँ 

दिल बदले रास्ता 


अपना नहीं सबका रोना है 

होता वही जो कि होना है

हर कवि

हर कहीं 

हर ज़मीं 

दर्द करता यही बयां 

दर्द रहता यही सदा


राहुल उपाध्याय । 23 नवम्बर 2021 । सिएटल 




Monday, November 22, 2021

भात है और दाल नहीं

भात है और दाल नहीं

जीवन है खुशहाल नहीं


पिंजरा था जो टूट गया 

बची कोई ढाल नहीं 


अपने हाथों आज है क्या

बैट है और बॉल नहीं 


कितना रोना कब तक रोऊँ 

सर्दी है और शाल नहीं 


सूरत की तो कुछ न पूछो

गड्ढे हैं और गाल नहीं 


रेज़्यूमी जाने कितनी भेजीं

चिट्ठी आई, कॉल नहीं 


दाना चुगने को हूँ तैयार 

फैलाता कोई जाल नहीं 


क़िस्मत सुधरे, नाचूँ रोज़ 

आता ऐसा साल नहीं 


राहुल उपाध्याय । 22 नवम्बर 2021 । सिएटल 


Sunday, November 21, 2021

तुम्हीं से मोहब्बत, तुम्हीं से शिकवा

तुम्हीं से मोहब्बत, तुम्हीं से शिकवा

ये आशिक़ भी कैसा घनचक्कर होता 


लड़ें भी हम, मनाएँ भी हम

बात-बात पे ये जमकर रोता 


सब अलग और वो दो सबसे अलग

उन्हीं की बेटी से क्यों प्यार कसकर होता 


हम भी चाहते हैं कि भग जाएँ कहीं अब

दिन-रात का होना है अब दुष्कर होता


ज़िन्दगी-जीवन जंजाल सभी है

इनका सामना क्या कभी डटकर होता


राहुल उपाध्याय । 21 नवम्बर 2021 । सिएटल 



Saturday, November 20, 2021

इतवारी पहेली: 2021/11/21


इतवारी पहेली:


न कोई ख़ुद गया न ## ##

ये माजरा क्या है बता ###  


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 28 नवम्बर को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 21 नवम्बर 2021 । सिएटल 
















Re: इतवारी पहेलीः 2021/11/14



शनि, 13 नव॰ 2021 को अ 11:08 पर को Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> ने लिखा:

इतवारी पहेली:


आया मिलने तुमसे मैं ##### #

तुम ही हो पहले, हैं #%### ## # 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 21 नवम्बर को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 14 नवम्बर 2021 । सिएटल 
















Friday, November 19, 2021

मील के पत्थर

जो कभी मील के पत्थर साबित हुए थे

आज विलुप्त हैं


गुगल मैप्स के ज़माने में

न मील हैं न पत्थर 

सिर्फ़ एक नीली लकीर

जो चलती है नाक की सीध में

न पूरब है

न पश्चिम 

न उत्तर है

न दक्षिण

सब नाक की सीध में


न मंदिर है

न मस्जिद 

न पोखर 

न स्कूल

न घंटाघर 

न अस्पताल 


इनकी भी कभी कोई क़द-काठी रही होगी

लेकिन नहीं 

अब सब सपाट है

टू डाइमेन्शन्स में

हल्के रंगों में

अपनी पहचान खोते हुए 


जो कभी मील के पत्थर साबित हुए थे

आज विलुप्त हैं


राहुल उपाध्याय । 19 नवम्बर 2021 । सिएटल 

धूप-छाँव

ऐसा नहीं कि

जब जो चाहा चुन लिया

कभी धूप तो कभी छाँव में

सर धुन लिया


न धूप है कहीं 

न छाँव है कहीं 

ये ज़िन्दगी है तब तक

जब तक अलाव है कहीं 


छत डलने ही से

छाँव नहीं होती

सुबह होने ही से

धूप नहीं होती


जब अपने ही हाथों से

आँसू पोंछता है कोई 

पलट के जानेवाले को 

न जब रोकता है कोई 


जीवन सम्भावनाओं से भर जाता है 

जीवन सम्भावना-रिक्त हो जाता है 


राहुल उपाध्याय । 19 नवम्बर 2021 । सिएटल 




उल्टा सीधा एक समान #11

उल्टा सीधा एक समान #11

—————————


मलयालम, नवीन, नवजीवन आदि ऐसे शब्द हैं जो उल्टा सीधा एक समान हैं। बाएँ से दाएँ भी वही हैं जो दाएँ से बाएँ हैं। 


यह तो हुए शब्द। ऐसे ही शब्दों के समूह, यानी जुमले भी हो सकते हैं। जैसे कि:


नाहक है कहना। 


दिया गया शब्द आगे-पीछे-बीच में कहीं भी आ सकता है। 


आज का शब्द है:


खड़ूस


राहुल उपाध्याय । 19 नवम्बर 2021 । सिएटल 









Thursday, November 18, 2021

आज बारिश में

आज बारिश में 

कार से निकलते वक्त 

मम्मी याद आ गईं


कैसे मैं 

ट्रंक से वॉकर निकाल कर

उन्हें 

एक काग़ज़ की गुड़िया की तरह

बूँदों से बचाता हुआ 

छतरी लेकर घर में लेकर आता था

कि कहीं वे गल न जाए 


अब ट्रंक

साफ़ है 

सपाट है

ख़ाली है

मैं उधर

झांकता भी नहीं 

सब्ज़ी-भाजी जो भी है 

पड़ोस की सीट पर ही रख लेता हूँ 


कभी सोचता हूँ 

वे यहीं कहीं हैं

मुझे देख रहीं हैं 

ख़ुश होते हुए

दुखी होते हुए


और कभी सोचता हूँ कि

किसी प्रोग्रामिंग लेन्ग्वेज के

वेरिएबल की तरह

एक सबरूटीन का हिस्सा थी

काम किया

वेल्यू घटाई-बढ़ाई 

और निकल गईं 


कोई और कॉल करेगा

तो चली जाएँगी

नवजीवन 

नवरूप में


राहुल उपाध्याय । 18 नवम्बर 2021 । सिएटल 





जो चला गया उसे भूल जा

https://youtu.be/eZgtCqF8JgM


जो चला गया उसे भूल जा

जो है साथ में उसे प्यार कर


वो न प्यार था, कुछ और था

जो था रस्म-ओ-रहम की खुराक पर


जो न हाथ दे कभी हाथ में

है वो हमसफ़र नहीं हमसफ़र 


जहाँ रात भी न गुज़र सके

है न आसरा ना वो किसी का घर


अब और कहाँ तक गाऊँ मैं

अब ख़त्म हुआ मेरा पहर


राहुल उपाध्याय । 17 नवम्बर 2021 । सिएटल 






Saturday, November 13, 2021

इतवारी पहेलीः 2021/11/14


इतवारी पहेली:


आया मिलने तुमसे मैं ##### #

तुम ही हो पहले, हैं #%### ## # 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 21 नवम्बर को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 14 नवम्बर 2021 । सिएटल 
















Re: इतवारी पहेलीः 2021/11/07



शनि, 6 नव॰ 2021 को अ 11:05 पर को Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> ने लिखा:

इतवारी पहेली:


माथे पे लगा कर # ##

दीप जलाती थीं ## #


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 14 नवम्बर को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 7 नवम्बर 2021 । सिएटल