Thursday, November 18, 2021

जो चला गया उसे भूल जा

https://youtu.be/eZgtCqF8JgM


जो चला गया उसे भूल जा

जो है साथ में उसे प्यार कर


वो न प्यार था, कुछ और था

जो था रस्म-ओ-रहम की खुराक पर


जो न हाथ दे कभी हाथ में

है वो हमसफ़र नहीं हमसफ़र 


जहाँ रात भी न गुज़र सके

है न आसरा ना वो किसी का घर


अब और कहाँ तक गाऊँ मैं

अब ख़त्म हुआ मेरा पहर


राहुल उपाध्याय । 17 नवम्बर 2021 । सिएटल 






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2 comments:

अनीता सैनी said...

जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(१९-११-२०२१) को
'प्रेम-प्रवण '(चर्चा अंक-४२५३)
पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर

Jyoti Dehliwal said...

बहुत सुंदर।