मैं अब उठकर लाइट जलाता/बुझाता नहीं हूँ
अलेक्सा से कह देता हूँ
बाहर के हालात का जायज़ा लेने के लिए
मैं अब पर्दे नहीं हटाता
सर्वेलेंस कैमरे की एप में देख लेता हूँ
मैं अब दोस्तों से नहीं मिलता
वीडियो कॉल कर लेता हूँ
मैं अब खाना नहीं बनाता
खाना मँगवा लेता हूँ
चैटजीपीटी मेरा क्या बिगाड़ेगी
मैं कब का फ़ालतू हो चुका हूँ
राहुल उपाध्याय । 4 फ़रवरी 2023 । सिएटल
1 comments:
वाह! बढिया observation. आलस को बढ़ाने के लिये ही हम औजारों का उत्पाद करते हैं! मौत के बाद तो कुछ करने की ज़रूरत ही नहीं।
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