हर धाम में
हर पाप का
है नहीं चारा
यही पैग़ाम हमारा
नए जगत में हुआ पुराना
रुद्राक्ष का क़िस्सा
सबको मिले मेहनत के मुताबिक
अपना-अपना हिस्सा
जो जितना पा जाए उसी में वो
करे गुज़ारा
यही पैग़ाम हमारा
रिकॉर्ड बनाने की ख़ातिर
न हम दीप जलाए
हरेक किसी से आस कि
घर-घर वो आस जगाए
तभी तो होगा चार सू
सुख का उजियारा
यही पैग़ाम हमारा
(कवि प्रदीप से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 18 फ़रवरी 2023 । सिएटल
3 comments:
बहुत ही सुन्दर सृजन आदरणीय,🙏
राहुल जी , बस कुछ ही पंक्तियों का अंतर रह गया कवी प्रदीप और आपकी रचना में |
रिकॉर्ड बनाने की ख़ातिर
न हम दीप जलाए
हरेक किसी से आस कि
घर-घर वो आस जगाए
बहुत सटीक...
वाह!!!
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