Saturday, February 18, 2023

हर धाम में हर पाप का है नहीं चारा

हर धाम में
हर पाप का
है नहीं चारा
यही पैग़ाम हमारा

नए जगत में हुआ पुराना
रुद्राक्ष का क़िस्सा 
सबको मिले मेहनत के मुताबिक
अपना-अपना हिस्सा
जो जितना पा जाए उसी में वो
करे गुज़ारा 
यही पैग़ाम हमारा

रिकॉर्ड बनाने की ख़ातिर 
न हम दीप जलाए
हरेक किसी से आस कि
घर-घर वो आस जगाए
तभी तो होगा चार सू
सुख का उजियारा
यही पैग़ाम हमारा

(कवि प्रदीप से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 18 फ़रवरी 2023 । सिएटल 

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3 comments:

Kamini Sinha said...

बहुत ही सुन्दर सृजन आदरणीय,🙏

रेणु said...

राहुल जी , बस कुछ ही पंक्तियों का अंतर रह गया कवी प्रदीप और आपकी रचना में |

Sudha Devrani said...

रिकॉर्ड बनाने की ख़ातिर
न हम दीप जलाए
हरेक किसी से आस कि
घर-घर वो आस जगाए
बहुत सटीक...
वाह!!!