Sunday, November 16, 2025

इतवारी पहेली: 2025/11/16

इतवारी पहेली:


दस नहीं ला सकती तो # ## #

फूटी क़िस्मत कभी कुछ ## ##


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 23 नवम्बर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 16 नवम्बर 2025 । सिएटल 


Re: इतवारी पहेली: 2025/11/09



On Sat, Nov 8, 2025 at 10:42 PM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


कभी नहीं गई बा किसी शादी-### में

क्योंकि कहीं जाती नहीं थीं # ## में 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 16 नवम्बर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 9 नवम्बर 2025 । सिएटल 


Saturday, November 8, 2025

इतवारी पहेली: 2025/11/09

इतवारी पहेली:


कभी नहीं गई बा किसी शादी-### में

क्योंकि कहीं जाती नहीं थीं # ## में 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 16 नवम्बर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 9 नवम्बर 2025 । सिएटल 


Re: इतवारी पहेली: 2025/11/02



On Sun, Nov 2, 2025 at 5:03 AM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


जो रहते हैं लैला-मजनू से #%# #%# में

प्यार के सिवा न कुछ उनके #%#%# में 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 9 नवम्बर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 2 नवम्बर 2025 । सिएटल 


Sunday, November 2, 2025

और क्या अहद-ए-वफ़ा होते हैं

और क्या अहद-ए-वफ़ा होते हैं 

लोग मिलते हैं, जुदा होते हैं 


हर कोई साथ है पानी की तरह 

टिकने वाले न जमा होते हैं 


हाथ उठते ही नहीं दुआ में मेरे 

हाथ इसलिए तो न अता होते हैं 


अब तलक प्यार है हमें उनसे 

बस इसलिए वो ख़फ़ा होते हैं 


मिलना-जुलना, हँसते-हँसाते रहना 

सारे रोगों की दवा होते हैं


राहुल उपाध्याय । 2 नवम्बर 2025 । सिएटल 

(पहली दो पंक्तियाँ आनन्द बक्षी द्वारा लिखे इस गीत से ली गईं हैं

https://youtu.be/SlRtQMkTkvQ?si=9-Q6Pgg2JImzw0he

)

अहद-ए-वफ़ा = वफ़ा की दुनिया 

अता = अनुदान 

इतवारी पहेली: 2025/11/02

इतवारी पहेली:


जो रहते हैं लैला-मजनू से #%# #%# में

प्यार के सिवा न कुछ उनके #%#%# में 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 9 नवम्बर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 2 नवम्बर 2025 । सिएटल 


Re: इतवारी पहेली: 2025/10/26



On Sun, Oct 26, 2025 at 2:48 AM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


मेरे दूर के चाचा बसे हैं मेरी ## में 

बना देते थे वो मैगी मिनट तीन # # में 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 2 नवम्बर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 26 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Thursday, October 30, 2025

तैंतीस करोड़

मेरा जन्म देवोत्थानी एकादशी को हुआ था 

और मुझे देवताओं में विश्वास नहीं है 

न ही व्रत-उपवास में


मेरे जन्मदिन के बाद ही 

शादी का मुहूर्त निकलता है 

और मैं शादीशुदा नहीं हूँ 


तैंतीस करोड़ देवताओं 

में से हर एक ने

अब तक

मुझे एक-एक रुपया दिया है 

जबकि मैंने एक पाई भी दान में नहीं दी है 


कुछ तो उलट-फेर है

न देर है, न अंधेर है

या फिर अंधेर ही अंधेर है 


राहुल उपाध्याय । 30 अक्टूबर 2025 । सिएटल 



Sunday, October 26, 2025

इतवारी पहेली: 2025/10/26

इतवारी पहेली:


मेरे दूर के चाचा बसे हैं मेरी ## में 

बना देते थे वो मैगी मिनट तीन # # में 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 2 नवम्बर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 26 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Re: इतवारी पहेली: 2025/10/19



On Sat, Oct 18, 2025 at 11:41 PM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


गर्मी से 'बेक' हुए गुरु के #### में 

जैसे कि हो रहा हो ## ### में


(दूसरी पंक्ति का दूसरा शब्द अंग्रेज़ी का है)


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 26 अक्टूबर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 19 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Saturday, October 25, 2025

कोई रुलाता है

कोई रुलाता है तो आता है फ़ोन उसका 

वरना इस जहाँ में है कौन किसका 


अपनी-अपनी दुनिया है सबकी 

दे के मुस्कान हर कोई खिसका 


चलो किसी को अपना बना लें सोचते ही सारा ख़ुमार है पिचका


उठते-बैठते टूटे संबंध हज़ारों 

तोड़ ही देता है पीठ हल्का सा तिनका 


आँखों में कहाँ हैं अब प्यार किसी के 

वैक्सीन वालों को नहीं रोग का चस्का


राहुल उपाध्याय । 25 अक्टूबर 2025 । सिएटल 




Saturday, October 18, 2025

इतवारी पहेली: 2025/10/19

इतवारी पहेली:


गर्मी से 'बेक' हुए गुरु के #### में 

जैसे कि हो रहा हो ## ### में


(दूसरी पंक्ति का दूसरा शब्द अंग्रेज़ी का है)


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 26 अक्टूबर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 19 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Re: इतवारी पहेली: 2025/10/12



On Sun, Oct 12, 2025 at 6:02 AM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


मैं विटामिन डी, बी और # ## हूँ 

और लोगों को भी यही ### हूँ


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 19 अक्टूबर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 12 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Monday, October 13, 2025

हम लाए हैं

हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के 

इस 'पीस' को रखना मेरे बच्चों सम्हाल के


किस देश की परवाह नहीं कोई कह तो दे हमें 

हम रखते हैं क़दम एक-एक देखभाल के 


आओगे यहीं ओर कहाँ जाओगे भला 

भड़ास अभी निकाल लो कुछ बोल-बाल के 


हाँ कह दी है, कह दी है बात साफ़-साफ़ 

गुज़र गए हैं दिन अब शब्दों के जाल के 


सीधी-सीधी बात क्यों न समझ में आ रही

क्यों खेलते हो आग से जुमले उछाल के


राहुल उपाध्याय । 13 अक्टूबर 2025 । सिएटल 



Sunday, October 12, 2025

अप्सरा

ग़ज़ब की अप्सरा जब आई क़रीब

करंट सा मुझ को सहसा लगा 


कहीं एच वन का चक्कर या हनीट्रैप तो नहीं 

शक़-ओ-शुबह का ताँता लगा 


खोने से बढ़कर है खोने का डर लॉकर का बेबात ख़र्चा लगा 


आँखों में किसी के कोई कब तक झाँके

समझने का तरीक़ा ये कच्चा लगा


जो कहना है कह दो, जो पूछना है पूछ लो 

इतना सुलझा न कोई रिश्ता लगा 


हर तरफ़ है घायल, हर तरफ है घाव 

हर इंसान मुझे रिसता लगा


राहुल उपाध्याय । 12 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


इतवारी पहेली: 2025/10/12

इतवारी पहेली:


मैं विटामिन डी, बी और # ## हूँ 

और लोगों को भी यही ### हूँ


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 19 अक्टूबर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 12 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Re: इतवारी पहेली: 2025/10/5



On Sat, Oct 4, 2025 at 9:57 PM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


उसकी काया बहुत भारी-#### थी

कहीं से नहीं लगा वो गई ## ## थी


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 12 अक्टूबर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 5 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Saturday, October 11, 2025

ये चाहिए मुझे कहा था उसने

ये चाहिए मुझे, कहा था उसने 

न मिल पाया उसको तो अच्छा लगा


मन की बात कह देता है सारी

मुझको तो इंसान सच्चा लगा


कहते हैं लोग निरा पागल है बंदा

मुझको तो मासूम बच्चा लगा


जीताया था उसको नारे लगा के

न आया समझ तो अब धक्का लगा


न उसको मिला, न आपको मिला

पर आपके चरित्र पे तो धब्बा लगा


राहुल उपाध्याय । 11 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Friday, October 10, 2025

ख़ुदा माना

ख़ुदा माना

तो शिकायत कैसी 

ख़ुदा नहीं 

तो मोहब्बत कैसी 


तू ख़ुशबू है

मिल्कियत नहीं 

तुझे पाने की

जुर्रत कैसी


तू सुख है, तू दुख है

तुझसे ही सब-कुछ है

तू बदले ना

ये चाहत कैसी


तू फ़ोन करे

मैं बात करूँ 

इससे बढ़कर 

जन्नत कैसी


तू साथ नहीं 

और साथ भी है 

ये दूर-दूर से

कुर्बत कैसी


राहुल उपाध्याय । 10 अक्टूबर 2025 । सिएटल





Saturday, October 4, 2025

इतवारी पहेली: 2025/10/5

इतवारी पहेली:


उसकी काया बहुत भारी-#### थी

कहीं से नहीं लगा वो गई ## ## थी


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 12 अक्टूबर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 5 अक्टूबर 2025 । सिएटल