Saturday, November 23, 2024

बेबी का भूत

बेबी का भूत अब सर से तुम उतार दो

जो मिला है उसे खूब सारा प्यार दो


खून के नहीं है पर रिश्ते तो हज़ार है

हर किसी की ज़िंदगी प्रीत से संवार दो


हाथ धरो, साथ चलो, ज़रूरी ये कुछ नहीं 

मुस्कराहट ही भले तुम किसी पे वार दो


गीत गाओ, धुन सुनो या पढ़ कोई किताब लो

या हँसते-हँसते ज़िन्दगी यूँही तुम गुज़ार दो


हर किसी का हाथ है, हर किसी के विकास में

तुमने किया है क्या, इस विचार को ही मार दो


राहुल उपाध्याय । 23 नवम्बर 2024 । सिएटल 




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