तुम अकेले रहते हो
इसका मतलब यह नहीं
कि विपासना करते हो
क्या बिन बोले,
सुने, देखे, पढ़े, लिखे
रह सकते हो?
जब तुम तन्हा हो
विचार रहित
तब तुम क्या हो?
साँस लेता पुतला?
ख़ुद ही को पालता-पोसता
शर्म आनी चाहिए तुम्हें
राहुल उपाध्याय । 30 नवम्बर 2024 । सिएटल
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