Saturday, November 30, 2024

विपासना

तुम अकेले रहते हो

इसका मतलब यह नहीं 

कि विपासना करते हो


क्या बिन बोले,

सुने, देखे, पढ़े, लिखे

रह सकते हो?


जब तुम तन्हा हो 

विचार रहित

तब तुम क्या हो?


साँस लेता पुतला?

ख़ुद ही को पालता-पोसता


शर्म आनी चाहिए तुम्हें 


राहुल उपाध्याय । 30 नवम्बर 2024 । सिएटल 


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