Wednesday, November 27, 2024

कामकाज जो करे मिले ना उचित दाम

कामकाज जो करे, मिले ना उचित दाम 

बिन काम किये कोई पा रहा इनाम 


इस दुनिया की रीत को कहूँ मैं अत्याचार 

सीधा-सादा रो रहा, नाचे व्याभिचार 


आगे-पीछे कुछ नहीं जो है सो ये सार

परलोक की बात पर करो ना सोच-विचार 


जीवन है कुछ और नहीं पल दो पल का प्यार 

जी लो इसमें ज़िंदगी, बाक़ी सब बेकार


राहुल उपाध्याय । 27 नवम्बर 2024 । सिएटल 





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