चाँदनी न चाँद पर
न सूर्य प्रकाश सूर्य पर
दूर से ही प्रकृति
सार अपना है भेजती
सब तेरे पास हो
सब तेरे हाथ हो
ज़िद ये पगले छोड़ दे
मान जा, अभी सम्हल
बादलों को ओढ़ना
प्यास का नहीं है हल
राहुल उपाध्याय । 23 नवम्बर 2024 । सिएटल
चाँदनी न चाँद पर
न सूर्य प्रकाश सूर्य पर
दूर से ही प्रकृति
सार अपना है भेजती
सब तेरे पास हो
सब तेरे हाथ हो
ज़िद ये पगले छोड़ दे
मान जा, अभी सम्हल
बादलों को ओढ़ना
प्यास का नहीं है हल
राहुल उपाध्याय । 23 नवम्बर 2024 । सिएटल
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