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NRI का सफ़र, है ये कैसा सफ़र
कोई समझा नहीं, कोई जाना नहीं
है ये कैसी डगर, चलते हैं सब मगर
कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं
Dollar को बहुत प्यार हमने किया
रुपयों से भी मुहब्बत निभाएंगे हम
H1 का विसा ले के आये मगर
Citizenship ले के जाएंगे हम
जाएँगे पर किधर, दिल्ली या बैंगलोर
कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं
ऐसे NRI भी हैं जो टिके ही नहीं
जिनको greencard से पहले ही pink slip आ गयी
फूल ऐसे भी हैं जो खिले ही नहीं
जिनको खिलने से पहले फ़िज़ा खा गई
है परेशां नज़र, थक गये चारागर
कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं
है ये कैसी डगर चलते हैं सब मगर
कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं
NRI का सफ़र है ये कैसा सफ़र
कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं
(इंदीवर से क्षमायाचना सहित)
1 comments:
अच्छा है।
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