दीवाली की रात
हर घर आंगन
दिया जले
उसने जो
घर आंगन दिया
वो न जले
दिया जले
दिल न जले
यूंहीं ज़िन्दगानी चले
दीवाली की रात
सब से मिलो
चाहे बसे हो
दूर कई मीलों
शब्दों से उन्हे
आज सब दो
न जाने फिर
कब दो
दुआ दी
दुआ ली
यहीं है दीवाली
अक्टूबर 2000
Friday, November 2, 2007
दीवाली की शुभकामनाएं
Posted by Rahul Upadhyaya at 8:49 AM
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Labels: Diwali, Diwali Theme, festivals, greetings, TG
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1 comments:
दिवाली पर एक अच्छा गीत लिखा है।बधाई।
दीवाली की रात
हर घर आंगन
दिया जले
उसने जो
घर आंगन दिया
वो न जले
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