हमने तुझको कॉल किया है जितना
कौन करेगा इतना
बच-बचा के कॉल लगाई दिन हो चाहे रात
जग ने जाने क्या-क्या बोला, पर न छोड़ा साथ
तेरे इश्क़ ने मारा मुझको और जिया भी कितना
कौन गिने अब कितना
तेरे-मेरे बीच की दूरी बन न सकी मजबूरी
दूरी से ही प्यार था शायद, दूरी ही थी इक धुरी
दूर से हमको प्यार था लेकिन मिल के हुआ न उतना
तय था हमको लुटना
ट्वीटर छोड़ा, फ़ेसबुक छोड़ा, और तुझको ही ध्याया
तेरी सूरत, तेरी सेल्फ़ी, इनसे ही मन बहलाया
आज़ादी की वाट लगा के झुकते गए हम जितना
कौन झुकेगा इतना
राहुल उपाध्याय । 6 सितम्बर 2023 । सिएटल
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वाह
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