Friday, November 23, 2012

मेमोरी रिसेट


प्यार एक बार नहीं, कई बार हुआ है
लेकिन हर बार लगा जैसे पहली बार हुआ है

जन्म और पुनर्जन्म के बीच जो "मेमोरी रिसेट" बटन है
कुछ हद तक वही बटन शायद प्यार और पुनर्प्यार के बीच भी है
तभी तो
इंसान भूल जाता है
वफ़ा-जफ़ा के सारे किस्से
रूठने-मनाने के सारे प्रसंग
होंठों पे गीत
कानों में मिश्री
कदमों में पंख
और भूल जाता है कि
इन सब का 
एक दिन
होगा अंत

जो जन्मता है
वो मरता है
जो प्यारता है
वो ग़मता है

प्यार एक बार नहीं, कई बार हुआ है
लेकिन हर बार लगा जैसे पहली बार हुआ है

23 नवम्बर 2012
सिएटल । 513-341-6798
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मेमोरी रिसेट = memory reset

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1 comments:

Anonymous said...

"भूल जाता है कि
इन सब का
एक दिन
होगा अंत" - या शायद हर बार यह उम्मीद/विश्वास होता है की इस बार नहीं होगा अंत?

जन्म और पुनर्जन्म, प्यार और पुनर्प्यार की analogy बहुत interesting है

"Memory Reset" title भी अच्छा लगा