Saturday, February 4, 2017

नोट-गेट दोऊ बन्द पड़े

नोट-गेट दोऊ बन्द पड़े
जनता करे संताप
जब तक नेट बन्द हो
कविता पढ़िए आप

कविता पढ़िए आप
करिए वाह-वाही
होती रहती है दुनिया में 
इसकी-उसकी तबाही

कब तक किसका रोना रोए
कब तक करें सोच-विचार
जीवन की आपाधापी से
मिलते नहीं पल दो-चार

मिलते नहीं पल दो-चार
क्या-क्या करें हम भैया
नाच नचाए टू-डू-लिस्ट हमको
करे हम ताता-थैया

जाको राखे साइयाँ 
मार सके कोय
हरि इच्छा बलवान है कह के 
मुँह ढाकि हम सोय

4 फ़रवरी 2017
सिएटल | 425-445-0827
tinyurl.com/rahulpoems 


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