नोट-गेट दोऊ बन्द पड़े
जनता करे संताप
जब तक न नेट बन्द हो
कविता पढ़िए आप
कविता पढ़िए आप
करिए वाह-वाही
होती रहती है दुनिया में
इसकी-उसकी तबाही
कब तक किसका रोना रोए
कब तक करें सोच-विचार
जीवन की आपाधापी से
मिलते नहीं पल दो-चार
मिलते नहीं पल दो-चार
क्या-क्या करें हम भैया
नाच नचाए टू-डू-लिस्ट हमको
करे हम ताता-थैया
जाको राखे साइयाँ
मार सके न कोय
हरि इच्छा बलवान है कह के
मुँह ढाकि हम सोय
4 फ़रवरी 2017
सिएटल | 425-445-0827
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