पानी देते वक़्त सोचता हूँ
माँ ने इतने पौधे क्यूँ लगाए?
फूल निहारते वक़्त सोचता हूँ
माँ ने इतने ही पौधे क्यूँ लगाए?
रोटी, कपड़ा और मकान
तीन का ही तो हुआ था फ़रमान
फिर पौधों ने कहाँ से पा लिया स्थान?
8 अप्रैल 2017
दिल्ली
पानी देते वक़्त सोचता हूँ
माँ ने इतने पौधे क्यूँ लगाए?
फूल निहारते वक़्त सोचता हूँ
माँ ने इतने ही पौधे क्यूँ लगाए?
रोटी, कपड़ा और मकान
तीन का ही तो हुआ था फ़रमान
फिर पौधों ने कहाँ से पा लिया स्थान?
8 अप्रैल 2017
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