रात भर न बारिश हुई
पूरी कभी न ख़्वाहिश हुई
बरसों बरसी बारिश मगर
पूरी कभी न ख़्वाहिश हुई
रात भर न बारिश हुई
ख़्वाहिशें कुछ ऐसी
कि रत्ती भर भी इधर-उधर न हो
जैसे कि
घड़ी हो तो ऐसी
जो सोलर पॉवर्ड हो
जिसके काँटे अंधेरे में चमके
हल्की हो
सुन्दर हो
जिसका पट्टा चमड़े का हो
नहीं तो फिर
वो घड़ी ही क्या है
घर हो
तो चार बेडरूम का हो
वरना वो घर ही क्या है
नौकरी हो
तो मैनेजर की
वरना वो नौकरी ही क्या है
रात भर न बारिश हुई
पूरी कभी न ख़्वाहिश हुई
बरसों बरसी बारिश मगर
पूरी कभी न ख़्वाहिश हुई
रात भर न बारिश हुई
16 अप्रैल 2018
सिएटल
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