Tuesday, April 24, 2018

ताश की गड्डी

मैं वह सब हूँ
जो तुम मुझे सोचती हो
वफ़ादार, फरेबी 
दयालु, ग़ुस्सैल 
प्यारा, फूहड़

कमाल का जादू है!

जो तुम सोचती हो
वही पत्ता निकल आता है
मेरी ताश की गड्डी से

24 अप्रैल 2018
सिएटल

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