फेसबुक-वेसबुक ऐप्स हैं सारी
ऐप्स की बातों का क्या
कोई किसीका नहीं ये झूठे खाते हैं
खातों का क्या
होगा फ़ोटो सामने तेरे
फिर भी नहीं बूझ पाएगा
लड़का है या लड़की बॉबी
तय नहीं कर पाएगा
रात-रात भर जागने वाले
दिन भर अब तू गाएगा
फेसबुक-वेसबुक ...
उठते-बैठते पिंग करेंगे
ताबड़तोड़ सब 'लाईक' करेंगे
होली-दीवाली और जन्मदिन
सब पर तुझको 'विश' करेंगे
'विश' करते-करते एक दिन
जीवन में विष घोलेंगे
फेसबुक-वेसबुक ...
अपने अब तू कान पकड़ ले
फेसबुक छोड़ कोई काम पकड़ ले
इस-उस ग्रुप में भटक न ऐसे
किताब उठा कोई किताब तू पढ़ ले
प्रेम से कह के सबको नमस्ते
राह पे अपनी आगे बढ़ ले
फेसबुक-वेसबुक ...
(इन्दीवर से क्षमायाचना सहित)
25 अप्रैल 2018
सिएटल
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