जैसे-जैसे विकास होता जा रहा है
रास्ते कम होते जा रहे हैं
पैदल चलने के
कहीं भी जाना हो
तो कार के रस्ते जाओ
घर जाना हो
दफ़्तर जाना हो
बाज़ार जाना हो
स्कूल जाना हो
खेलने जाना हो
मिलने जाना हो
जिम जाना हो
घूमने जाना हो
नाचने जाना हो
कार के रास्ते जाओ
पैदल चलने के रास्ते भी बन रहे हैं
लेकिन गोल-गोल घूमने के लिए
जो किसी गंतव्य तक नहीं जाते
राहुल उपाध्याय । 18 अक्टूबर 2023 । सिंगापुर
0 comments:
Post a Comment