Tuesday, October 24, 2023

भटकोगे रास्ता, रास्ता मिलेगा

भटकोगे रास्ता, रास्ता मिलेगा 

नाक की सीध में कुछ ना मिलेगा


समंदर में जो भी मिलते हैं दरिया

उनमें से एक भी न सयाना मिलेगा 


झगड़ों के पीछे क्यों पड़ते हो इतना

छोड़ोगे उनको ख़ज़ाना मिलेगा 


सपनों की दुनिया झूठी है सारी

जग के भी न कोई सच्चा मिलेगा 


जी भर के जियो ये पल भर का जीवन

ये जीवन न तुमको दोबारा मिलेगा 


राहुल उपाध्याय । 25 अक्टूबर 2023 । लंगकावी (मलेशिया)

इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: