लाएंगे नेनो हम भी एक लाख में
चार चांद लगाएंगे टाटा की साख में
नैनों में खुमार
है नेनो का आज
निहार रहे सब
छोड़ काम काज
ज़िक्र है इसका हर एक बात में
लाएंगे नेनो हम भी एक लाख में
हमने कहा इसे जाने दो
हम हैं बस जानें दो
पत्नी कहे नो, नो, नो
पड़ोसी ला रहे हैं नेनो
होंगे शामिल हम भी इस भेड़ चाल में
लाएंगे नेनो हम भी एक लाख में
रखेंगे कहाँ?
चलाएंगे कहाँ?
गली गूंचो में
फ़साएंगे कहाँ?
सोचेंगे समझेंगे सब ये बाद में
लाएंगे नेनो हम भी एक लाख में
कुछ इस तरह
हमारी सोसायटी चले
कि नाक न कटे
चाहे फ़ेंफ़ड़े जले
मंजूर हैं छुपाना नाक हमें 'मास्क' में
लाएंगे नेनो हम भी एक लाख में
विकास का सितारा
टिमटिमाया है दोबारा
हरियाली और रास्ते के बीच
फ़ंसा है बिचारा
मुश्किल से खिले हैं फूल भारत की शाख में
लाएंगे नेनो हम भी एक लाख में
भाईयो और बहनो
देवियो और सज्जनो
हम और आप
चलाएंगे नेनो
तर्क वितर्क जाए सब भाड़ में
लाएंगे नेनो हम भी एक लाख मे.
... और 5 साल बाद दो सूरतें हो सकती हैं:
अ.
गायब है सुरज
गायब हैं तारें
गायब हो गए
उद्यान हमारे
डूबे शहर प्रदूषण की राख में
लाए थे नेनो हम भी एक लाख में
ब.
प्रयत्न हमारा
हुआ सफ़ल
देश आगे
गया निकल
नेनो छा गयी अमेरिका ईराक़ में
लाए थे नेनो हम भी एक लाख में
सिएटल 425-445-0827
Wednesday, March 25, 2009
टाटा की नेनो
Posted by Rahul Upadhyaya at 4:29 PM
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2 comments:
अति उत्तम तरीके से आपने तीखी टिप्पड़ी की है ।
वाह वाह।
~जयंत
पर्यावरण की चिन्ता किसी को नहीं.
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