अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये तिकड़में हैं ‘आप’ की
न आप समझ सके न हम
ये आम आदमी के साथ क्यों
किया मज़ाक ‘आप’ने
बच्चे की कसम खा के भी
थामा कांग्रेस का हाथ ‘आप’ने
मुबारकें तुम्हें के तुम
दिल्ली के सी-एम हो गए
दिल्ली के सी-एम बनते ही
पी-एम के भ्रम हो गए
किस-किस मुद्दे को लेके तुम
धरना नया बिठाओगे?
सी-एम जो बन गए हो तुम
सरकार कब चलाओगे?
(शैलेन्द्र से क्षमायाचना सहित)
12 फ़रवरी 2014
सिएटल । 513-341-6798
http://smriti.com/hindi-songs/ajiib-daastaan-hai-ye-utf8
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये तिकड़में हैं ‘आप’ की
न आप समझ सके न हम
ये आम आदमी के साथ क्यों
किया मज़ाक ‘आप’ने
बच्चे की कसम खा के भी
थामा कांग्रेस का हाथ ‘आप’ने
मुबारकें तुम्हें के तुम
दिल्ली के सी-एम हो गए
दिल्ली के सी-एम बनते ही
पी-एम के भ्रम हो गए
किस-किस मुद्दे को लेके तुम
धरना नया बिठाओगे?
सी-एम जो बन गए हो तुम
सरकार कब चलाओगे?
(शैलेन्द्र से क्षमायाचना सहित)
12 फ़रवरी 2014
सिएटल । 513-341-6798
http://smriti.com/hindi-songs/ajiib-daastaan-hai-ye-utf8
2 comments:
जब original lines को सोचा तो parody की यह lines बहुत ही funny लगीं :)
"मुबारकें तुम्हें के तुम
दिल्ली के सी-एम हो गए.…"
यह सवाल बहुत बढ़िया लगा - हर party/minister से पूछा जाना चाहिए:
"किस-किस मुद्दे को लेके तुम
धरना नया बिठाओगे?
सी-एम जो बन गए हो तुम
सरकार कब चलाओगे?" :)
Original गाना बहुत ही प्यारा है! Smriti.com के page पर गाने के stanzas का order सही नहीं है - कविता में सही है - शायद आपको गाना memorized है! :)
बहुत सही कहां। सुन्दर अभिवयक्ति।
http://ankushchauhansblog.blogspot.in/2014/03/vote-for-india.html
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