पापा,
पिछले साल तो जलाया था
आज फिर क्यों?
क्या वो मरा नहीं?
कैसे समझाऊँ
कि
रावण मारा नहीं जाता है
सिर्फ़ जलाए जाने का नाटक किया जाता है
ताकि रामलीला होती रहे
राम का गुणगान होता रहे
और
जनता
बाक़ी मुद्दे भूलकर
जय श्रीराम
जय श्रीराम
कहती रहे
राम के अस्तित्व के लिए रावण ज़रूरी है
21 अक्टूबर 2015
सिएटल । 425-445-0827
1 comments:
इस कविता में एक अलग perspective है। मेरा सोचना है कि भगवान अच्छाई, बुराई, युद्ध, हार, जीत - इन सब से बहुत ऊपर हैं। उनका अस्तित्व इन सब के होने या न होने पर dependent नहीं है। रावण द्वारा सीता माँ के हरण से पहले भी राम जी के मानव जीवन की बहुत सी लीलायें हैं जिनसे हमें सीख मिलती है - जैसे पिता के वचन का पालन करने के लिए खुशी से वन जाना, भाईयों का आपस में अटूट स्नेह, सीता माँ का पति के प्रति प्रेम भाव , गुरू के लिए भाईयों के मन में आदर भाव, सारी प्रजा और केवट जैसे भक्तों का प्रभु के लिए प्रेम - इन सबसे हमें सुंदर बातें सीखने को मिलती हैं और रावण पर विजय पाने से बहुत पहले ही जय श्री राम कहने को मन करता है।
Post a Comment