Wednesday, October 28, 2015

ग़ज़ब फेंकते हो तुम


ग़ज़ब फेंकते हो तुम
कहाँ शुरू कहाँ खतम
दलीलें भी अजीब सी
न तुम समझ सके न हम
मुबारकें तुम्हें के तुम
मंच के नूर हो गए
माईक के इतने पास हो
कि सबसे दूर हो गए
किसीका वोट लेके तुम
वादे भूल जाओगे
जब-जब बाज़ार जाएँगे
तुम हमको याद आओगे
ये बीजेपी के साथ क्यूँ 
भूत जुड़ा हिन्दूत्व का?
भारत के विकास में 
महत्व क्या हिन्दूत्व का?

(शैलेन्द्र से क्षमायाचना सहित)
28 अक्टूबर 2015
सिएटल । 425-445-0827

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3 comments:

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 29 - 10 - 2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2144 में दिया जाएगा
धन्यवाद

Himkar Shyam said...

बहुत ख़ूब

Anonymous said...

Politics को न जानते हुए, एक layman की तरह, मुझे लगता है कि देश के leaders को किसी एक धर्म को ज़्यादा favor नहीं करना चाहिए, चाहे leaders का personal धर्म जो भी हो। जो कमज़ोर हैं, जिनको protection की ज़रूरत है, चाहे वो किसी भी धर्म के हों, उनको protect करना चाहिए ताकि वो safe feel करें। जो बहुत strong हैं, चाहे वो किसी भी धर्म के हों, उनको समझदारी के रासते पर चलने के लिए inspire करना चाहिए ताकि वो अपनी strength को देश की और दूसरों की भलाई के लिए use करें। उनको arrogant और oppressive नहीं बनने देना जाहिए। हर धर्म शांति और प्रेम का मार्ग बताता है - धर्म के कुछ interpreters ही गलत मार्ग दिखाते हैं। आपकी बात सही है कि देश के सामने बहुत सी pressing matters हैं जिनको priority देना ज़रूरी है ताकि देश आगे बढ़े और खुशहाल हो। Priorities पर ध्यान देना चाहिए।