Saturday, May 7, 2016

सिंहस्थ


सिंहस्थ है बढ़िया और अभूतपूर्व 
पर वादे कई हैं मेरे हुज़ूर 
कोसों है चलना जिससे पहले जाऊँ मैं कुम्भ 
कोसों है चलना जिससे पहले जाऊँ मैं कुम्भ 

7 मई 2016
(Robert Frost से क्षमायाचना सहित)

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1 comments:

Anonymous said...

बहुत बढ़िया! Robert Frost की कविता को आजकल हो रहे कुम्भ से बहुत अच्छी तरह जोड़ा है। दोनों ही कविताएं profound हैं!