Saturday, April 29, 2023

आँखों में जिनकी डूब के

आँखो में जिनकी डूब के सपने सजाए थे 

उनसे ही बच-बचा के अब दिन बिताएंगे 


तरसे थे जिनके साथ को अरबों-हज़ारों साल 

मिल भी गए वो आज तो नज़रें बचाएंगे


सह लेते दर्द इश्क़ के होंठों को सी के आज 

शायर की बात और है, गीत गाएँगे 


घुटनों पे चल के आए न चौखट पे आपके 

ख़ुद्दारी आई साथ थी ख़ुद्दार जाएँगे 


हाथो में आज नहीं है किसी के बागडोर 

पर्दा हम अपने आप पे ख़ुद गिराएंगे 


राहुल उपाध्याय । 3 मार्च 2022 । सिएटल 

https://youtu.be/tMkJgxYqJXM





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