Thursday, April 6, 2023

किस का इलज़ाम किसी पर है

किस का इलज़ाम किसी पर है

टूटी ज़िन्दगी, ज़िन्दगी पर है


मेरा आशियाँ कहीं पर है

मेरा दाना कहीं पर है 


जा के बैठो कहीं चार दिन

वो न पाओगे, वो यहीं पर है 


बात कर लो जहाँ-तहाँ जैसी 

उँगली उठनी तुम्हीं पर है


जिनको सब कहते हैं मेरे

उनका होना नहीं पर है


जिनकी राहें जुड़ीं हैं मुझसे 

उनको रहना ज़मीं पर है


राहुल उपाध्याय । 6 अप्रैल 2023 । सिएटल 


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