तुम तो ठहरे मनमौजी
देश क्या चलाओगे
जेल भरो हर रोज़ ही
देश क्या चलाओगे
प्रेम-प्यार-प्रीत आदि
तुम में है ज़रा भी नहीं
तुम में है नफ़रत भरी
देश क्या चलाओगे
आँख में हैं अंगारे
हँसना तुम्हें आता नहीं
घर तलक चलाया नहीं
देश क्या चलाओगे
राहुल उपाध्याय । 28 मार्च 2024 । सिएटल
0 comments:
Post a Comment