Friday, October 2, 2020

जिस देश में निर्भया मरती है

https://youtu.be/wBhjvD-OHww 


न होंठों पे सच्चाई रहती है

न सड़कों पे सफ़ाई रहती है

हम उस देश के वासी हैं

जिस देश में निर्भया मरती है


ज़्यादा नहीं थोड़े ही दिन

जनता आक्रोश में रहती है

फिर अपने-अपने घरों में बंद

क्रिकेट ही देखा करती है


करोड़ों की है आबादी और

दो-चार ही आवाज़ उठती है

हम उस देश के वासी हैं

जिस देश में निर्भया मरती है


कुछ लोग जो ज़्यादा जानते है

विकास के आँकड़े बखानते हैं

कोई मर जाए तो इनको क्या

मृतकों की क़ीमत आँकते हैं


पाँच-पाँच लाख देकर सरकार

कर्म अपना पूरा करती है

हम उस देश के वासी हैं

जिस देश में निर्भया मरती है


नेता जो हमारे होते हैं

वो हवाई दौरा करते हैं

ज़मीं के हालात, ज़मीं के लोग

उन सबको को कहाँ पहचानते है


कुर्सी की महज़ है राजनीति

कुर्सी से ही चिपकी रहती है

हम उस देश के वासी हैं

जिस देश में निर्भया मरती है


(शैलेन्द्र से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 15 दिसम्बर 2019 । सिएटल 


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