Saturday, October 3, 2020

जुर्म किया तो डरना क्या

जुर्म किया तो डरना क्या

जुर्म किया तो वकील भी है

किसी के बाप से डरना क्या


आज करेंगे मन की मर्जी 

जान भी जाए चाहे ज़माना

मौत वही जो मीडिया बेचे 

बाकी लोगों का मरना क्या


हमने जो ठानी हो के रहेगी

ये यही इसी रात चिता में जलेगी 

इसका जीना, इसका मरना 

इसके हक़ में करना क्या 


क्या बिगाड़ेगा कानून हमारा

चारों तरफ़ हैं पावर हमारा 

डरते नहीं जब किसी खुदा से

बन्दों से भला डरना क्या


(शकील बदायूनी से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 3 अक्टूबर 2020 । सिएटल 


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3 comments:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

आजकल जुर्म करते ही वे हैं जिन्हें किसी का डर नहीं

Amrita Tanmay said...

शकील बदायूंनी अवश्य क्षमा करेंगे आज को देखकर । अत्यंत प्रभावी चित्रण ।

Sudha Devrani said...

क्या बिगाड़ेगा कानून हमारा

चारों तरफ़ हैं पावर हमारा

डरते नहीं जब किसी खुदा से

बन्दों से भला डरना क्या
जब पावर हाथ में है तो क्यों डरना ...मीडिया को पुलिस को यहाँ तक कि कानून को भी खरीद लेंगे
बहुत सुन्दर कटाक्ष धारदार व्यंग रचना।