जुर्म किया तो डरना क्या
जुर्म किया तो वकील भी है
किसी के बाप से डरना क्या
आज करेंगे मन की मर्जी
जान भी जाए चाहे ज़माना
मौत वही जो मीडिया बेचे
बाकी लोगों का मरना क्या
हमने जो ठानी हो के रहेगी
ये यही इसी रात चिता में जलेगी
इसका जीना, इसका मरना
इसके हक़ में करना क्या
क्या बिगाड़ेगा कानून हमारा
चारों तरफ़ हैं पावर हमारा
डरते नहीं जब किसी खुदा से
बन्दों से भला डरना क्या
(शकील बदायूनी से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 3 अक्टूबर 2020 । सिएटल
3 comments:
आजकल जुर्म करते ही वे हैं जिन्हें किसी का डर नहीं
शकील बदायूंनी अवश्य क्षमा करेंगे आज को देखकर । अत्यंत प्रभावी चित्रण ।
क्या बिगाड़ेगा कानून हमारा
चारों तरफ़ हैं पावर हमारा
डरते नहीं जब किसी खुदा से
बन्दों से भला डरना क्या
जब पावर हाथ में है तो क्यों डरना ...मीडिया को पुलिस को यहाँ तक कि कानून को भी खरीद लेंगे
बहुत सुन्दर कटाक्ष धारदार व्यंग रचना।
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