Friday, October 30, 2020

कहाँ से दर्द भरे दिन

कहाँ से दर्द भरे दिन यहाँ उतर आए

बिना मास्क के माशूक़ ना नज़र आए


ख़ुशी की चाह में मैंने उठाये रंज बड़े

मेरा नसीब कि मेरे क़दम जहाँ भी पड़े

महामारी की वहाँ से भी खबर आए


उदास रात है वीरान दिल की महफ़िल है

न हमसफ़र है कोई और न कोई मंज़िल है

दवाओं का न दुआओं का कोई असर आए


(आनंद बक्षी से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 30 अक्टूबर 2020 । सिएटल 

https://youtu.be/7zkJZKCGaiU 



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