कद्दू
जब खाने की जगह
खेलने के लिए
ख़रीदा जाने लगे
समझो
हेलोवीन आ गया है
हरा-भरा पेड़
काट कर
घरों में
सजाया जाने लगे
समझो
क्रिसमस आ गया है
मोमबत्ती
रोशनी नहीं
ख़ुशबू के लिए
जलाई जाने लगे
समझो रईसी आ गई है
राहुल उपाध्याय । 16 अक्टूबर 2020 । सिएटल
कद्दू
जब खाने की जगह
खेलने के लिए
ख़रीदा जाने लगे
समझो
हेलोवीन आ गया है
हरा-भरा पेड़
काट कर
घरों में
सजाया जाने लगे
समझो
क्रिसमस आ गया है
मोमबत्ती
रोशनी नहीं
ख़ुशबू के लिए
जलाई जाने लगे
समझो रईसी आ गई है
राहुल उपाध्याय । 16 अक्टूबर 2020 । सिएटल
Posted by Rahul Upadhyaya at 4:26 PM
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Labels: festivals
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सुन्दर
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