Friday, September 3, 2021

दिनकर उगे या ना उगे


दिनकर उगे या ना उगे
जीवन तो जी जाएँगे 
वो आग दिल में लगा ली है 
के रोशन हम हो जाएँगे 
तम हट जाएगा 
सब छँट जाएगा 

छोटे से दिल में हैं
सम्भावनाएँ अनेक
जो चाहें हो जाए 
'गर हम लगाए विवेक 
सब हो जाएगा
सब मिल जाएगा 

दिन ही नहीं हम 
रातों को भी महकाए
गिर भी पड़े तो 
गिर के हम सम्भल जाए
कुछ खो जाएगा 
कुछ मिल जाएगा 

राहुल उपाध्याय । 2 सितम्बर 2021 । सिएटल

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