Saturday, September 11, 2021

ये दुनिया हसीं थी, ये दुनिया हसीं है

https://youtu.be/sjTFjiBrRNg


ये दुनिया हसीं थी

ये दुनिया हसीं है

जिस दिन से समझा

बहुत दिलनशीं है 


समाँ जो भी था

वो अब भी यहीं है

दिल देनेवाले 

अब भी यहीं है

मिट के भी मिटता

कुछ भी नहीं है 


जो भी चाहे सुन लो

दिल के फ़साने

धड़कन वही हैं

वही हैं तराने

मोहब्बत की रंगत

वही की वही है


अपना लो सबको

घबराना छोड़ो

न ठुकराओ आँचल 

न राहें ही मोड़ो

ज़माना है जैसा

बहुत ही सही है 


राहुल उपाध्याय । 8 सितम्बर 2021 । सिएटल 


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