देख के फ़ोटो मन मुरझाए
मुझसे जुदा तू कैसे मुस्काए
मासूम चेहरा देखा न जाए
टप-टप बरसी आँखें, आँखें सूज गईं
बाक़ी थी जो साँसें, साँसें टूट गईं
जीऊँ क्यूँ ऐसे नयन बहाए
आधी-अधूरी बातें, बातें रह गईं
लम्बी-लम्बी रातें, रातें रह गईं
फ़ोन न आए चैन जो लाए
हाथ न छोड़ा साथ ही सारा छोड़ दिया
प्यार न समझा, प्यार भरा दिल तोड़ दिया
घाव विरह के बढ़ते जाएँ
राहुल उपाध्याय । 12 दिसम्बर 2021 । सिएटल
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