Sunday, December 26, 2021

अपना करम

https://youtu.be/74EfCrc0Cy8


कई महीनों से

कई हफ़्तों से

मैं आँक रहा था

अपना करम

पाया के अभी कुछ किया ही नहीं 


वादों में कहीं 

यादों में कहीं 

कहीं झांक रही थी

कोई पगली 

कुछ देर हुई 

न मैं समझ पाया

फिर आँख खुली 

तो थी माया


अपनों को बहुत

अपना समझा 

उनके ही इशारों 

पर नाचा

अब आज कहाँ 

मैं गुर सीखूँ 

और छोड़ चलूँ 

अपनी छाया


राहुल उपाध्याय । 26 दिसम्बर 2021 । सिएटल 


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