दुनिया की हर कहानी
मेरी कहानी है
मेरी ज़िन्दगानी है
मैं हर प्रेमकहानी में हूँ
मैं हर रामायण
हर महाभारत में हूँ
बस अंत
कैसा होगा
कैसे होगा
किस पन्ने पर
कब होगा
अज्ञात है
दुनिया के हर गीत में
मेरी आपबीती है
कलम किसी की
धुन किसी की
गायकी किसी की
बात सौ फ़ीसदी मेरी
कोई भी नई रचना
नई नहीं है
वो सौ दफ़ा
लिखी जा चुकी है
गाई जा चुकी है
सुनी जा चुकी है
पढ़ी जा चुकी है
जीयी जा चुकी है
राहुल उपाध्याय । 15 दिसम्बर 2021 । सिएटल
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