Wednesday, January 11, 2023

सब के सब कुछ ना कुछ हैं माँग रहे

सब के सब कुछ ना कुछ हैं माँग रहे

जो नहीं उनका उनको माँग रहे


हाथ में है वो नहीं 

साथ में है वो नहीं 

ढूँढ रहे हैं हर घड़ी 

पास में है जो नहीं 

छोड़ कर अपना जहां 

पा रहे हैं कुछ कहाँ


ये नहीं है वो नहीं 

रोज़ रोते हैं यही

जाकर फिर कहीं 

रोज़ रोते हैं यही 

छोड़ कर अपना जहां 

पा रहे हैं कुछ कहाँ 


राहुल उपाध्याय । 11 जनवरी 2023 । गाँधीधाम



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