है अपना दिल तो सादा सा, कहाँ से इश्क़ ये पाएगा
किसी ने न बुलाया, गले से न लगाया
बहुत समझाया, यही न समझा
के बन के रहेगा भैया, कहाँ से इश्क़ ये पाएगा
कभी ये शरमाया, कभी ये घबराया
किसी से कभी, न कुछ कह पाया
हमेशा से रहा तन्हा, कहाँ से इश्क़ ये पाएगा
मिला भी 'गर कोई, ज़बां न गई खोली
पल भर में ही किसी की वो हो ली
सदा टूटा, सदा हारा, कहाँ से इश्क़ ये पाएगा
जहां भी कहीं जाए, सुधर नहीं पाए
सादा ये जीवन बदल नहीं पाए
न बदला है न बदलेगा, कहाँ से इश्क़ ये पाएगा
राहुल उपाध्याय । 27 जनवरी 2023 । सिएटल
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