Tuesday, January 3, 2023

क्या दूँ तुम्हें

क्या दूँ तुम्हें 

क्या मैं नहीं 

दिन भर यही सोचता हूँ 

कभी सोचूँ ये लूँ 

कभी सोचूँ वो दूँ 

क्या दूँ तुम्हें सोचता हूँ 


सोचा है तुम्हें कोई साड़ी दिलाए

पार्क में जा के कोई पिकनिक मनाए

घर पे बैठे कानों में बाली पहनाए

हाथ के कंगन और झूमके भी लाए

हाय रे ना ना, हाय रे ना ना

ये ना देना


कार्ड दे दूँ तुम्हें जो चाहे ले लो

अपनी पसन्द का कोई सामान ले लो

ख़्वाब भी होंगे तुम्हारे अपने सुहाने

ख़्वाब पूरे करो जो चाहे ले लो

हाय रे ना ना, हाय रे ना ना

ये ना देना, 


राहुल उपाध्याय । 4 जनवरी 2023 । छायापुरी 

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