यदि मैं जानता कि
प्यार क्या है
मैं कभी नहीं करता
यदि मेरे हाथ में
सब कुछ होता
मैं जन्म नहीं लेता
न जानने में
न नियंत्रण में होने में
जो सुख है
वह व्यक्त नहीं किया जा सकता
पूरी यात्रा
कैसी होगी
पहले से पता हो
तो वह यात्रा पूरी नहीं हो सकती
पूरी तो क्या
आरम्भ ही नहीं होती
विशेषकर तब
जब उसका अंत दुःखद हो
राहुल उपाध्याय । 8 जनवरी 2023 । द्वारका
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