आओ हम मिल के नया इक संसार रचें
जो भी आए उसे जी भर के हम प्यार करें
कब कहाँ ख़ुद से भला किसने ख़ुशी पाई है
एक साथी की ज़रूरत हम सबको आई है
साथ में सब हो तो सब सबका ख़्याल रखें
एक दूजे के, हर तरीक़े से, हम काम आएँ
कोई संकट हो, हाथ छोड़े ना, सदा पास जाएँ
फ़ासले दिल के न हों, घटते हर बार रहें
साँस टूटे ना, आग भड़के ना, हर तरफ़ हो अमन
रंग हज़ारों से, चाँद सितारों से, हाँ भरा हो चमन
साथ में सबको लेकर हम सदा साथ चलें
राहुल उपाध्याय । 3 जनवरी 2023 । बयाना
1 comments:
बहुत सुन्दर रचना ।
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