आधी ग़लत जो
आधी नहीं है
चलती वो दुनिया
फलती नहीं है
लड़कियाँ हैं लक्ष्मी
शान हैं घर की
पंख लगाकर
उड़ती नहीं हैं
पंख मिले हैं
क़सूर क्या है तेरा
फैला दे उनको
तू बंदी नहीं है
पूजने हैं पत्थर
खानी है दवाई
करना है क्या ये
सफ़ाई नहीं है
दीप बुझाती
चूल्हा जलाती
फूँक भी देखो
कसाई नहीं है
राहुल उपाध्याय । 5 जनवरी 2023 । गाँधीधाम
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