मैं उस पुल से हज़ार बार गुजर सकता हूँ
जहाँ से माही नदी में डूबता सूरज
तुम्हारा अहसास दिलाता है
तुम्हारा आँचल
तुम्हारे होंठ
तुम्हारी पलकें
तुम्हारी मुस्कान
तुम्हारा एक-एक शब्द
उस क्षण में समाहित हो जाता है
डूबता सूरज
बहुत सह्रदय है
शांत है
शीतल है
ठंडक पहुँचाता है
तुमसे दूर होने का दर्द
कुछ कम हो जाता है
राहुल उपाध्याय । 13 जनवरी 2023 । बाँसवाड़ा
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