Tuesday, January 3, 2023

क्या है मुझमें कि वो


कोई ये कैसे बताए कि 

वो इतना प्यारा क्यूँ है?

क्या है मुझमें कि वो

मुझको बुलाता क्यूँ है?

है वो बुलाता तो

फिर डर जाता क्यूँ है?

यही दुनिया है तो फिर 

ऐसी ये दुनिया क्यूँ है


हाँ ये माना कि चाह के भी 

 मिल पाना है दुखकर

किसी से मिल के बिछड़ने का

दुख ज़्यादा क्यूँ है?


वो जो मिलता है तो 

मिलता है गले लगकर 

वो जब जाता है तो

हाथ हिलाता क्यूँ है?


देकर इक नींद में 

सपन-सलोना वो

जगाता क्यूँ हैं?

आग को आग

दिखाकर वो

हटाता क्यूँ है?

मीठा इक दर्द

जगाकर वो

सताता क्यूँ है?


है वो दिल में तो

दिल में क्यूँ है?


बुफे में पेट भर खा के भी

भूख लग जाती क्यूँ है?


यही होता है तो 

आख़िर यही होता क्यूँ है


राहुल उपाध्याय  3 जनवरी 2022  कानपुर 









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1 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

सुन्दर शुभकामनाएं नववर्ष पर