मुझे ख़बरें वही पसन्द हैं
जिनमें कोई तारीख़ नहीं होती है
जैसे कि
इस गाँव के लोग अपनी गलियाँ साफ़ रखते हैं
इस माँ के बारह बच्चे हैं
ये कुत्ता दो साल तक गुम होने के बाद भी अपने घर पहुँच गया
भरती की होती हैं
लेकिन कभी बासी नहीं होतीं
मुझे पौधे वही पसन्द हैँ
जो स्वयं भू हैं
कोई माली नहीं
कोई सेवा-सुश्रुषा नहीं
आते रहते हैं
जाते रहते हैं
मुझे गीत वही पसन्द हैं
…
मुझे शहर वही पसन्द हैं
…
मुझे विषय वही पसन्द हैं
…
मुझे इंसान वही पसन्द हैं
नहीं, नहीं
ऐसा कैसे?
मुझे इंसान सभी पसन्द हैं
(चाहे सच न भी हो, लिखना तो पड़ता है)
राहुल उपाध्याय । 31 अगस्त 2023 । ऑस्टिन