कहना रे
मेरे भैया से कहना
बहना याद करे
क्या बतलाऊँ कैसी हूँ मैं
जैसी थी मैं वैसी हूँ मैं
उससे मिलना होगा कैसे
तू जो पहुँचा आज है ऐसे
क्या मैं ऐसे आ पाऊँगी
उससे कभी मैं मिल पाऊँगी
कहना मुझको आस दिला जा
वो है मेरा अपना
बहना याद करे
राखी के धागे सब लाएँ
कहना अब न राह दिखाए
माँ के नाम की कसमें देना
भेंट मेरी दे, रस्में देना
पूछना उस रूठे भाई से
भूल हुई क्या माँ-जाई से
बहन पराया धन है कहना
उसने सदा नहीं रहना
बहना याद करे
(साहिर से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 23 अगस्त 2023 । सिएटल
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बढिया
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